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इक्कीसवीं सदी का भारत मुद्दे, चुनौतियाँ एवं संभावनाएं

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इतिहास मे “सोने की चिड़िया“ के नाम से विख्यात भारत 21 वीं सदी मे फिर प्रगति के पथ पर चल पड़ा है। आज भारत पूरे विश्व मे सामाजिक एवं आर्थिक शक्ति के रूप मे उभर रहा एक विकासशील देश है। 21 वी सदी मे विज्ञान, शिक्षा, तकनीकी, सभी क्षेत्र मे भारत निरंतर विकास कर रहा है। मंगल गृह के लिए सफलता पूर्वक यान भेजने के साथ ही भारत अन्तरिक्ष क्षेत्र मे 21 वी सदी के उन चुनिन्दा देशो मे से एक बन गया है, जिनके पास मंगल गृह तक जाने की क्षमता है।

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इतिहास मे “सोने की चिड़िया“ के नाम से विख्यात भारत 21 वीं सदी मे फिर प्रगति के पथ पर चल पड़ा है। आज भारत पूरे विश्व मे सामाजिक एवं आर्थिक शक्ति के रूप मे उभर रहा एक विकासशील देश है। 21 वी सदी मे विज्ञान, शिक्षा, तकनीकी, सभी क्षेत्र मे भारत निरंतर विकास कर रहा है। मंगल गृह के लिए सफलता पूर्वक यान भेजने के साथ ही भारत अन्तरिक्ष क्षेत्र मे 21 वी सदी के उन चुनिन्दा देशो मे से एक बन गया है, जिनके पास मंगल गृह तक जाने की क्षमता है। आज भारतीय सॉफ्टवेयर एवं सूचना प्रोद्योगिकी कंपनियाँ विश्व मे अपना कीर्तिमान बना रही है। भारत की सकल घरेलू उत्पाद बढने के साथ साथ निर्यात भी काफी बढ़ा है। पेट्रोलियम तेलशोधन कारखाने, स्टील कारखाने, सीमेंट कारखाने, रसायन कारखाने आदि मे निरंतर प्रगति हो रही है। ताप बिजली, परमाणु बिजली, जल विद्युत एवं सोलर बिजली के क्षेत्र मे भारत एक नई दिशा मे आगे बढ़ा है। परिवहन के क्षेत्र मे नई नई सडकां का विकास किया जा रहा है। कृषि के क्षेत्र मे नई नई तकनीकों के इस्तेमाल से कृषि उत्पादन बढ़ा है । निरंतर प्रगति के कारण ही पूरे विश्व की नजरे 21 वी सदी के भारत पर टिकी है।
आजादी के पश्चात् हमारे देश ने सामाजिक अर्थव्यवस्था में प्रगति, वैज्ञानिक आविष्कार, सांस्कृतिक रूप में समृद्धि, शिक्षा के क्षेत्र में विकास, खेती के उन्नत तरीके व तकनीकी, विज्ञान का समुचित विकास, चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान, आदि विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति की हैं। आर्थिक क्षेत्र में आज हमारा देश आर्थिक रूप से पहले की अपेक्षा कहीं अधिक सक्षम हैं। स्वतंत्रता के बाद प्रारंभ की गयी प्रथम पंचवर्षीय योजना की तुलना में, आज हमारे चिकित्सकों और अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़कर पहले की तुलना में कई गुनी हो चुकी हैं। मलेरिया, टी.बी, हैजा, एच आई वी जैसी बीमारियों से लोग पहले की अपेक्षा कम पीड़ित होते हैं। वही जानलेवा बीमारियों, जैसे प्लेग, छोटी माता आदि से होने वाली मृत्यु दर में भी कमी आई है। देश में व्याप्त पोलियो जैसी बीमारी को लगभग हम पूर्णतः ख़त्म कर चुके हैं। देश में औसत आयु बढ़ी हैं और बीमारियों से होने वाली मृत्यु दर में भी कमी आई हैं।

eBook  Title –              इक्कीसवीं सदी का भारत मुद्दे, चुनौतियाँ एवं संभावनाएं

Authors / editor –      Dr. Arvind Kumar Shukla

Published By –           IJARMS PUBLICATION

Publisher Address –  KANPUR NAGAR  – 208022

Phone                   : 06306074522, 08770190815

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